तुमने
आंखों से
इशारे किये मुझे
दिल मेरा
चुराये
मैंने
दिल से
स्वीकार किया उसे
अब रहें
कैसे
पुकारे
दिल तुम्हें
ढूंढे आँखों को
जिसके हुए
दीवाने
नशा
प्यार का
चढ़ गया ऐसे
तुम क्यों
भूले
बताओ
कारण मुझे
गलत मेरे कदम
कहो मुझे
चलना
आता नही
डगर प्रेम नगर
क्यो दिखाए
@सुषमा सिंह
तुम
सौदागर
तुम नहीं
मानता दिल नहीं
लुटा कर
दिल
अंधेरा
फैला हुआ
चारों तरफ देखूँ
याद तुम्हारी
जुगनू