🥦🥦 सावन आया 🥦🥦
सखी रिमझिम फुहारे मदमस्त पुरवाई पुलकित बहती वर्षा की बूँद बन अमृत सावन आया है ।
पेड़ ,खेत ,बाग ,बगीचे हरे भरे करने मन हरने सावन आया है ।
नदी ,तालाब ,ताल तलाईया कूए भरने सावन आया है ।
मोर पपीहा कोयल दादुर बागों में कलरव सुनने सावन आया है ।
माँ की परदेस में ब्याही बिटिया को नैहर बुलाने सावन आया है ।
तीज ,रक्षाबंधन ,नाग पंचमी प्रकृति-प्रेम सजाने सावन आया है
सखी संग कजरी हिंडोल मल्हार गीत सुनने सावन आया है ।
हरी हरी चुनरिया चूड़ियाँ मेहंदी पायल को झंकार करने सावन आया है ।
राधा कृष्ण,गौरा भोला के प्रित को बढाने सावन आया है ।
कवरिया के गंगा जल से शिव जी को मनाने सावन आया है ।
आनन्द,दुख,प्रणय,विरह,कवी के लेखनी को लिखने सावन आया है ।
बचपन की सब सखियाँ उनके सुख दुख सुनने-सुनाने सावन आया है ।
आई बागों में बहार सखी सावन बहार रश्मि को सावन सजाने आया है ।
कोरोना महामारी में मास्क पहनकर सामाजिक दूरी साथ में कोविड गाईड लाईन का पालन करना ये बताने सावन आया है ।
#जागरुकता ही बचाव है सब स्वस्थ रहें यही निवेदन करने सावन आया है ।
डॉ रश्मि शुक्ला
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश