विषय ज्यादा जटिल तो नही है , ऐसा कदापि न समझे । इसलिए
कि समुचे विश्व को वर्तमान समय मे चीन ने बहुत ही सोची - समझी साजिश के अंतर्गत अपनी चपेट में लिया है । कोविद 19 यानी कोरोना वाइरस से उसने एक
अप्रत्यक्ष जैविक हमला ( bio war ) किया है । विश्व भर में विगत 20 से 25 दशक तक जो चीन अपने खेल खिलोने व विभिन्न उत्पाद बेचकर अपनी अर्थ व्यवस्था को मजबूत करता आया है , वही चीन विश्व के आर्थिक साम्राज्य को अपने निशाने पर लेकर उनकी अर्थ व्यवस्था ध्वस्त करने पर आमादा
है । चीन ने अपने वुहान शहर की
वाइरस लैब ( जैविक प्रयोगशाला ) में कोविद 19 का अविष्कार किया , इस तथ्य को
दुनियां का हर देश जनता है , लेकिन अभीतक किसी ने खुलकर चीन का विरोध इस
संदर्भ में किया नही । अब हम हमारे देश के व चीन के रिश्ते के
बारे में सोचते है । विषय को ज्यादा लम्बा न खींचते हुए पटल पर अपनी बात रखते हुए कहूंगा कि भारत ने चीन के साथ व्यापार
व्यवस्था बढ़ाने का दृष्टिकोण अपनाया , लेकिन अंजाम अन्य देशों से ज्यादा भारत को भुगतना पड़ रहा है । भारत की व्यापार व्यवस्था का बड़ा हिस्सा चीन के उत्पाद पर निर्भर हो गया था , लेकिन एक ओर कोरोना वाइरस
का जैविक हमला करते हुए चीन
ने लद्दाख सीमा पर भारत को ललकारा है । चीन के मंसूबे भारत की सीमा लांघकर लद्दाख तक कि जमीन हड़पने के स्पष्ट रूप से सामने आ गये है । गौर तलब है कि एक ओर सुलह - बातचीत का माहौल बनाकर दूसरी ओर चीन ने अपनी सेना को भारत की जमीन पर कब्जा
करने के निर्देश दिये , लेकिन हमारे देश की सेना ने इस बार ईंट
का जवाब पत्थर से दिया है । अब चीन की समझ मे आ गया है कि भारत अब 1962 वाला भारत नही है । चीन के हर गलत
मंसूबे का जवाब देने में आज का भारत सक्षम है । अपने देश की सीमा सुरक्षा करना भारत के जाबांज सिपाही बखूबी से जानते है ।
अब मुद्दे कि बात है कि चीन को कैसे मात दे ? बात आईने की तरह साफ हो गई है कि चीन एक नंबर का धोखेबाज व दोगला देश है । चीन का राष्ट्रपति जिनपिंग दोस्ती को ताक पर रखकर सीधे युद्ध के लिये ही आमन्त्रित कर रहा है । ऐसी स्थिति में न चाहते हुए भी हमे चीन के साथ प्रत्यक्ष युद्ध करना होगा । देश मे हम
जिस युद्ध स्तर पर कोरोना से निपट रहे है , उतनी ही शिद्दत और मजबूती से चीन को
ईंट का जवाब पत्थर से देना ही होगा । सीमा पर हमारे जवानों को
खुली छूट देनी होगी ।
सीमा के साथ ही प्रधान मंत्री
नरेंद्र मोदीजी के निर्देश अनुसार चीनी ऐप , चीनी
उत्पाद ,चीनी खाद्य सामग्री , चीनी
टेक्नोलॉजी देश मे बॉयकॉट कर दे , सारांश यही कि हर तरफ से चीन को घेरना
जरूरी है । चीन किसी भी विश्वास के लायक नही है । उसे उसी की भाषा मे , उसीके अंदाज में हर मोर्चे पर जवाब देने में ही देश का सिपाही व नागरिक तैयार रहे , तो ही हम दुनियां के सबसे बड़े दोगले , धूर्त , कपटी तानाशाह और चीन के राष्ट्रपति जिन पिंग से निपटने में सफल होकर जीत हासिल करेंगे ।
डॉ . जयप्रकाश नागला ,
नान्देड़ , महाराष्ट्र
मो . 9922874972