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हां हम आदिवासी हैं ,साहित्यकुंज में डॉ बीना सिंह की रचना छत्तीसगढ़ से


हां हम आदिवासी हैं आदिवासी हैं
सृष्टि के आदि हम ही निवासी हैं

सफर में प्रकृति है हमारे साथी
जीवन के हमारे यही दीया बाती

हम पर बीमारी का वार नहीं होता
 क्योंकि  भौतिक संसार नहीं होता

हमें नंगे अध नंगे दिखलाते हो
उसी वेशमें खुद आधुनिक कहलाते हो

 तुम्हारे विचार प्रकृति के दोहनदार हैं
और हम वन उपवन के पहरेदार हैं

हां हम आदिवासी हैं आदिवासी हैं
सृष्टि के आदि हम ही निवासी हैं

@डॉ बीना सिंह छत्तीसगढ़
 सुरक्षित

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