चीन भारत विचार गोष्ठी
चीन में एक बहुत बड़ी भूल की है जिसका खामियाजा उसे भुगतना ही पड़ेगा उसने सोचा उसे गलवन मिलेगा पर उसे इतना पता नहीं कि अगर हिंदुस्तान दो कदम आगे बढ़ गया तो फिर उसके हाथ से हांगकांग और ताइवान भी फिसल जाएगा । पूर्वी लद्दाख में चीन के मंसूबों को नाकाम बनाते हुए हमारे शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देती हुए चीन को उसकी हिमाकत से बाज आने के लिए चेतावनी देना हम हिंदुस्तानियों का फर्ज़ है। और उनको चेतावनी देने के लिए चीन का बायकॉट करना हर हिंदुस्तानी को संकल्प में शामिल करना होगा, भारत के संयम की परीक्षा लेने की चीन बहुत बड़ी भूल कर रहा है, लद्दाख की गलवन में अंधेरी से रात में भारत व चीन की सेनाओं के बीच में जो हुआ, उसने दोनों देशों के रिश्ते के समीकरणों को हमेशा के लिए बदल दिया। गलवन में खूनी सैन्य झड़पों का अंदेशा शायद कूटनीतिज्ञ को भी नहीं था, जबकि चीनी सेना मई से ही जमावड़ा लगा रही थी, पर हम इस तरफ ध्यान नहीं दे पाए और उसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा, हमारे सैनिकों के बलिदान से। हर भारतवासी को चीन से लड़ाई के अंदेशे को दिमाग में रखना होगा आज हालत वैसी ही हो रही है जैसी कारगिल युद्ध के समय थी। अंतरराष्ट्रीय मंच पर मौजूद समीकरण पर सरकारों के प्रमुखों के बीच अनौपचारिक वार्ता व कूटनीतिक रिश्तो के 70 वर्ष होने पर भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। चीन अपनी हरकतों से ना बाज आया था ना बाज आ रहा है, भारत को ऐसी स्थिति खड़ी करनी पड़ेगी कि चीन रूस और भारत के जो विदेश मंत्रियों की त्रिपक्षीय बैठक होने वाली है उस पर विराम लगाया जाए, चीन ने हर बार शांति बहाली की कोशिश पर पानी फेरा है, चीन से भरोसा उठ चुका है। 2017 में डोकलाम में तनाव के बाद रिश्तो में एक गर्माहट सी आई थी लेकिन चीन ने उसको वापस अपनी हरकतों से ठंडे बस्ते में डाल दिया है। भीम की कमर तोड़ने के लिए पूर्णता बहिष्कार किया जाना चाहिए एक लालच जो हमारे दिल में बैठा रहता है चीन की सस्ती चीजों का मोह उसे हमें सबसे पहले छोड़ना होगा,आत्मनिर्भरता की जो लहर देश में चलने वाली है उसमें हमें समझौते भी करने पड़ सकते हैं, और उसके लिए हमे और उसके लिए हमें मानसिक रूप से तैयार रहना होगा।
चीन तू एक पीठ में तलवार भोकने वाला नापाक इरादों वाला देश है, भारत और चीन के बीच बनते बिगड़ते रिश्ते को हम अक्सर सुर्खियों में देखते रहते हैं पर इस बार मामला बहुत ज्यादा हटकर और बहुत ज्यादा गंभीर है।
नंदिता रवि चौहान
अजमेर राजस्थान