कविता
हौसला हममें है बाकी
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हौसला हममें है बाकी,
मुश्किलों से लड़ने का,
लाख तुफान क्यों न आये,
नहीं उससे कभी डरने का।
मुश्किलें आते हीं रहती,
कभी नहीं घबराना चाहिये,
यह वक्त भी निकल जायेगा,
यह समझ में आना चाहिये।
मर्द कभी डरते नहीं हैं ,
मुश्किल भरे हालात से,
ना हीं कभी घबराया करते,
किसी निगेटिव बात से।
यह वक्त भी कट जायेगा,
सुनहरा दौर भी आयेगा,
रखा करो थोड़ा हिम्मत वंदे,
हालात से संघर्ष करने का।
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अरविन्द अकेला