श्रीसाहित्य पटल पर ऑनलाईन राष्ट्रकवि दिनकर की याद में कवि सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। संयोजक शिक्षक श्रीराम रॉय ने कहा कि यह आयोजन पूरे एक माह तक साहित्यकारों को दिनकर की प्रासंगिकता से प्रेरित करते रहेगा।
रामधारी सिंह 'दिनकर' ' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। जन्म: 23 सितंबर 1908, सिमरिया,बिहार और 24 अप्रैल 1974, बेगूसराय में उन्होंने अंतिम सांस लिया। उक्त बातें श्री राय ने पटल पर रखी।
मुख्य अतिथि के रुप में डॉ ब्रजेंद्र नारायण द्विवेदी, वाराणसी पूरे कवि सम्मेलन कवियों का उत्साह बढ़ाते रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता- साहित्यकार अरविंद अकेला ,पटना ने किया।
कार्यक्रम की संचालिका श्रीमती मीना जैन दुष्यंत ,भोपाल ने अपने अद्भुत संचालन से घण्टों श्रोताओं को पटल से बांधे रखा।
श्रीमती सुषमा सिंह,करिश्मा सिंह,पूजा सैनी नई दिल्ली,अंकित अंकुल यादव, रमेश कुमार"अनुज",नागेन्द्र कुमार दुबे,मीना जैन दुष्यंत भोपाल,डॉ एन के सेठी,डॉ रश्मि शुक्ला प्रयागराज,निर्मल जैन 'नीर',राजकुमार अरोड़ा गाइड,डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई , रुपेश कुमार, चैनपुर, सीवान, बिहार,डाः नेहा इलाहाबादी दिल्ली,मोहम्मद मुमताज़ हसन, गया, बिहार,अमरप्रीत कौर देहड़ , लुधियाना पंजाब, कवि आराध्या, गोपाल मिश्र,सिवान, नौसिन परवीन आदि कवियों ने एक से बढ़ एक रचनायें प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात सभी को सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।
सराहनीय कार्य।