हिन्दी
हिन्दुस्तान के भाल पर,
स्वर्ण आभा बिखेर रही,
अपने रंगों में रंगी,
जाने कितने कथा काव्य हिंदी ।
सदियों से निसृत,
विद्वजनों के मुखारविंद से,
भारतेंदु निराला, जयशंकर प्रसाद ने,
तुझी से किया अपना श्रृंगार हिंदी ।
शब्द सामर्थ्य तेरी कहीं ना जाए,
हिन्दुस्तान के हृदय में समायी,
भारतेंदु से लेकर अदम गोंडवी तक,
सबका मिला तुझे दुलार हिन्दी ।
कामिल बुल्के, टैसी टौरी,और ग्रियसन,
जैसे विदेसी भी,तुझ पर गये वार हिंदी।
सूरीनाम,त्रिरीनाद,मारीशस में भी,
है तेरा बोलबाला,
हिन्दुस्तान की बात क्या,
यह तो तेरा संसार हिंदी ।
तुम बहुरानी भारत की,
तेरे समक्ष टिकेगा कौन,
जिसकी जो मर्जी बोले,
तुम भारत की, भारत तेरा,
यहां जानता सकल संसार हिंदी।
हिन्दी
हिन्दुस्तान के भाल पर,
स्वर्ण आभा बिखेर रही,
अपने रंगों में रंगी,
जाने कितने कथा काव्य हिंदी ।
सदियों से निसृत,
विद्वजनों के मुखारविंद से,
भारतेंदु निराला, जयशंकर प्रसाद ने,
तुझी से किया अपना श्रृंगार हिंदी ।
शब्द सामर्थ्य तेरी कहीं ना जाए,
हिन्दुस्तान के हृदय में समायी,
भारतेंदु से लेकर अदम गोंडवी तक,
सबका मिला तुझे दुलार हिन्दी ।
कामिल बुल्के, टैसी टौरी,और ग्रियसन,
जैसे विदेसी भी,तुझ पर गये वार हिंदी।
सूरीनाम,त्रिरीनाद,मारीशस में भी,
है तेरा बोलबाला,
हिन्दुस्तान की बात क्या,
यह तो तेरा संसार हिंदी ।
तुम बहुरानी भारत की,
तेरे समक्ष टिकेगा कौन,
जिसकी जो मर्जी बोले,
तुम भारत की, भारत तेरा,
यहां जानता सकल संसार हिंदी।
सुषमा सिंह
स्वरचित एवं मौलिक
स्वरचित एवं मौलिक