तेरा नाम मिलेगा
खुद को गर पहचान सको तो
तुमको तेरा नाम मिलेगा ।
बढ़ते जाना निज पथ पर तु
निश्चित तुझे मुकाम मिलेगा ।।
सत्कर्मों से तुझको बंदे
शकुन सुबह व शाम मिलेगा ।
माता पिता बड़ों की सेवा
करने से सुखधाम मिलेगा ।।
होगी कठिन परीक्षा तेरी
गली जहाँ बदनाम मिलेगी ।
झूठ फरेब, कपट जाल की
खुली हुई दुकान मिलेगी ।।
करो परिश्रम तन से अपने
श्रम का उचित इनाम मिलेगा ।
जीवन में आगे बढ़ने को
हरपल नया काम मिलेगा ।।
माँ बाप की सेवा कर लो
घर मे ही भगवान मिलेगा ।
प्रेमशंकर की बातें सुन लो
इनसे तुमको ज्ञान मिलेगा ।।
कवि--प्रेमशंकर प्रेमी (रियासत पवई )