साहित्यकुंज पटल पर हिंदी दिवस कवि सम्मेलन आयोजित
हिंदी दिवस 14 सितम्बर को विचार गोष्ठी ,सम्मान समारोह के साथ ही भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।इस कवि सम्मेलन का संचालन झारखंड के वरीय शिक्षक श्रीराम रॉय ने किया ,जबकि पटना के मूर्धन्य साहित्यकार अरविंद अकेला ने अपने उद्बोधन से कार्यक्रम की शुरूआत की। कवि सम्मेलन का उद्घाटन
श्री विजय प्रकाश, पूर्व भारतीय प्रशासनिक अधिकारी ने किया।मुख्य अतिथि के रूप में डॉ मृदुला प्रकाश, अध्यक्ष, महिला चर्खा समिति की उपस्थिति रही। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री मिथिलेश मधुकर(वरिष्ठ कवि ),श्री सिद्धेश्वर विद्यार्थी(वरीय अधिवक्ता)उपस्थित रहे।अध्यक्षता दिल्ली से पधारी श्रीमती डॉ नेहा इलाहाबादी एवम अतिथियों का स्वागत वरीय कवि श्री धनंजय जयपुरी ने किया। देश के कोने कोने से पधारे कवियों ने हिंदी के सम्मान में अपनी प्रस्तुति दिए जिसमें, कवि नागेंद्र कुमार दुबे, अर्चना अनुप्रिया,करिश्मा सिंह (औरंगाबाद बिहार), निशा"अतुल्य" देहरादून,सुषमा सिंह,विशाल चतुर्वेदी " उमेश " , नीलम डिमरी,, उत्तराखंड,डॉ गुलाब चंद पटेल,.निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/राजस्थान, पदमा तिवारी दमोह, मधु वैष्णव मान्या जोधपुर राजस्थान, मीना जैन दुष्यंत भोपाल, नीलम शर्मा, औरंगाबाद,.रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार. अमरप्रीत देहड़, लुधियाना,गोवर्धन लाल बघेल छत्तीसगढ़. सनुक लाल यादव बालाघाट मध्यप्रदेश. डी.ए.प्रकाश खाण्डे अनूपपुर म.प्र.,श्रीमती-सुकेशी प्रधान (रायगढ़ छ.ग.). सविता मिश्रा वाराणसी उत्तर प्रदेश,अश्मजा प्रियदर्शिनी, पटना, बिहार, लखन लाल सोनी, छतरपुर(म0प्र0) , विजय कुमार, कंकेर,गोपाल मिश्र, सिवान,रवि नारायण, रायगढ़,वेद प्रकाश तिवारी,अम्बा,ज्योति पाठक,दुधार, औरंगाबाद,केवरा यदु "मीरा "राजिम, खेमराज साहू "राजन" दुर्ग, छत्तीसगढ़, शैलेन्द्र पयासी,कटनी, मध्यप्रदेश,अमरेन्द्र कुमार मिश्र पथार गडहनी आरा भोजपुर,-कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "उत्तरप्रदेश,आरती तिवारी सनत दिल्ली,रईस सिद्धकी बहराइच, यू. पी.,सुश्री आराध्या अरु,ललिता कुमारी वर्मा अलीगढ़ , ज्योति भाष्कर "ज्योतिर्गमय" सहरसा (बिहार),नन्दिता रवि चौहान (अजमेर, राजस्थान ), बृंदावन राय सरल सागर,ईश्वर चंद्र जायसवाल, गोंडा,डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई,वीणा चौधरी (सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल),शैलेन्द्र सिंह शैली,महेंद्रगढ़, हरियाणा,इन्द्राणी साहू"साँची",प्रकाश कुमार मधुबनी, बिहार, निक्की शर्मा, मुंबई,अंकित अंकुल,रायबरेली,दिव्य रश्मि, औरंगाबाद ने हिंदी को समर्पित रचनाओं को प्रस्तुत किया।