पहचान उजागर मत करना
नाम उजागर करना पर
पहचान उजागर मत करना ।
कर्तव्य समझकर करना पर
कुछ काम उजागर मत करना ।।
पाया जो उसपर अपना
अभिमान उजागर मत करना ।
जो भी चाहो खरीद सको
पर दाम उजागर मत करना ।।
सुन्दर हो ,अपने रूप का
गुणगान उजागर मत करना ।
बढ़ने का जो मार्ग मिला
अभियान उजागर मत करना ।।
जीवन पथ पर मिलेंगे जो
तुफान उजागर मत करना ।
फुरसत मेंं पाओ जब भी
आराम उजागर मत करना ।।
सत्य राह पर मार मिले तो
बाम उजागर मत करना ।
मेहनत करने से घिसते जो
चाम उजागर मत करना ।।
मिलेगी जीत तो अपना तुम
स्वाभिमान उजागर मत करना ।
प्रेमशंकर जो गाया है वह
गान उजागर मत करना ।।
कवि---- प्रेमशंकर प्रेमी ( रियासत पवई )