लघुकथा
पोलियो खुराक पिलाते रहिये।
----------------------------- " नागेन्द्र सर, फुलवरिया में मुस्लिम विरादरी में से कई परिवार पोलियो की खुराक पिलाने से इंकार कर रहे हैं ।वहाँ के लोग मेरी बात नहीं सुन रहे हैं। उन लोगों को सिर्फ आप हीं पोलियो की खुराक पिला सकते हैं। वे लोग सिर्फ आपकी भाषा समझेंगे ।"
पोलियो अभियान की संध्याकालीन बैठक में सुपरवाईजर सुरेन्द्र प्रसाद ने उपरोक्त बातें यूनिसेफ के बी.एम.सी. नागेन्द्र वर्मा से कही । सुरेन्द्र प्रसाद की बातों का जबाब देते हुए नागेन्द्र वर्मा ने कहा "सुरेन्द्र जी मैंने आपकी सभी बातों को सुन लिया। आप बेफिक्र रहिये। कल हम आपसे मिलकर सभी इंकार घरों के लोगों को पोलियो की खुराक पिलवा देंगे। "
अगले दिन सुरेन्द्र सिंह के साथ नागेन्द्र वर्मा उस मुस्लिम परिवार के पास पहुंचे जो उस एरिया का बहुत हीं प्रभावशाली व्यक्ति था। नागेन्द्र जब उस प्रभावशाली धर में गये तब उस धर से एक बुढ़ी महिला निकली जिससे बी. एम.सी. नागेन्द्र ने उस घर के जन्म से लेकर पाँच वर्ष के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के कहा। इस पर उस महिला ने कहा कि "इसके दादा पोलियो की खुराक पिलाने से मना किये हैं। इसके दादा सी.एम. के पी. ए. हैं।" नागेन्द्र ने उस बुढ़ी महिला से कहा कि "जाकर इसके दादा जी से बोलिये कि यूनिसेफ के बी.एम.सी. नागेन्द्र जी आये हैं और उन्हें यह भी कहिये कि वे किसी के भी पी.ए. रहें पर अपने परिवार के सभी जीरो से लेकर पाँच वर्ष के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायें रहें। उन्हें यह भी बता दीजिये कि यदि उन्होंने आज पोलियो की खुराक नहीं पिलवायी तब यह समाचार कल के पेपर में चला आयेगा कि मुख्यमंत्री के पी ए ने अपने धर के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने से इंकार किया।
यदि यह समाचार छप गया तो उनकी सी.एम. के पी.ए. की नौकरी जा सकती है।" बुढ़ी महिला ने जब यह बात अपने बेटे जमील जो सी.एम. का पी.ए. था को बतायी तो मुख्यमंत्री के पी ए को अपनी भयंकर गलती का अहसास हुआ और बी एम सी नागेन्द्र वर्मा से अपनी गलती के लिए माफी मांगी। सी एम के पी ए जमील ने अपनी माँ से कहा "माँ तुम अपने घर एवं मोहल्ला के छूटे हुए बच्चों को पोलियो की खुराक पिलवा दो और पोलियो टीम को चाय पानी पिलवा दो। "
नागेन्द्र की मेहनत रंग लाई जिस कारण इंकार घरों के सभी बच्चों ने पोलियो की खुराक पी ली।
अब सी एम के पी ए जमील के चेहरे पर संतोष के भाव झलक रहे थे।
नागेन्द्र ने मोहल्ले के सभी वरिष्ठ लोगों को समझाते हुये कहा कि "आप लोग किसी के भी पी ए रहिये या खाये रहिये लेकिन अपने घर के जीरो से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाये रहिये। "
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अरविन्द अकेला
समाज को प्रेरणाप्रद।