साहित्यकुंज पटल पर कवि सम्मेलन आयोजित
राष्ट्रकवि दिनकर के जन्म दिन 23 सितंबर ,के अवसर पर साहित्यकुंज द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
कवि सम्मेलन के आयोजक शिक्षक सह कवि श्रीराम रॉय के अनुसार इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का उद्घाटन श्री अनिल सुलभ,अध्यक्ष,बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन,पटना,बिहार के द्वारा किया गया ।इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में जहाँ डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र उपस्थित रहे, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री ज्ञानेंद्र मोहन खरे, श्रीसीमेंट ,औरंगाबाद एवम श्री आनन्द, उप निदेशक,सूचना एवं जनसंपर्क विभाग,हजारीबाग की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस भव्य कवि सम्मेलन की अध्यक्षता-डॉ नेहा इलाहाबादी ,दिल्ली ने किया।कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना श्री धनंजय जयपुरी ने सस्वर प्रस्तुत किया। एक ओर जहाँ अतिथियों का स्वागत पटना के वरीय साहित्यकार एवम साहित्यकुंज के महासचिव श्री अरविंद अकेला के द्वारा किया गया वहीं आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन औरंगाबाद के युवा कवि श्री नागेंद्र दुबे ने बहुत ही भावपूर्ण माहौल में किया।
कवि सम्मेलन का संचालन-श्रीमती कल्पना भदौरिया ने अत्यंत ही मधुरता से किया।
आज के कवि सम्मेलन के संयोजक श्री राय के अनुसार
सविता मिश्रा, वाराणस,विजय कुमार, कंकेर,अर्चना अनुप्रिया,ज्योति कुमारी, पटना,वेद प्रकाश तिवारी, अम्बा,औरंगाबाद,पदमा तिवारी दमोह,करिश्मा सिह (औरंगाबाद, बिहार),ज्योति पाठक, औरंगाबाद, आरती तिवारी सनत, दिल्ली. डॉ गुलाब चंद पटेल ,अमरेन्द्र कुमार मिश्र पथार गडहनी आरा भोजपुर बिहार, सुषमा सिंह, निशा अतुल्य, लखन लाल सोनी "लखन" छतरपुर (म0प्र0). सुरेन्द्र नाथ सिंह - गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश, गोपाल मिश्र, सिवा,केवरा यदु "मीरा "
राजिम, सनुक लाल यादव, बालाघाट मध्यप्रदेश,मीना जैन दुष्यंत भोपाल,डाॅ०विजय लक्ष्मी, काठगोदाम,उत्तराखण्ड, ज्योति भाष्कर "ज्योतिर्गमय" सहरसा(बिहार).अंकित अंकुल यादव, रायबरेली उत्तर प्रदेश, बृंदावन राय सरल सागर, मप्र,"प्रचण्ड" आशुकवि कृष्णा सेंदल तेजस्वी,खेमराज साहू "राजन" दुर्ग, छत्तीसगढ़ , जितेन्द्र कुमार ' चंचल ' हसपुरा, औरंगाबाद ,. ईश्वर चंद्र जायसवाल, शिक्षक, मनकापुर, गोंडा (यू. पी.),गोवर्धन लाल बघेल ,छत्तीसगढ़,.निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर, आचार्य सूर्य प्रसाद शर्मा"निशिहर", रायबरेली आदि विद्वानों ने काव्य पाठ के द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को याद किया । इस कवि सम्मेलन की खास विशेषता रही कि काव्य पाठ के साथ ही कवियों को सम्मान पत्र से सम्मानित भी किया जाता रहा ।सभी ने एक से बढ़ कर एक रचनाओं की प्रस्तुति दिया।