फ़लक फाउंडेशन पर विचार गोष्ठी सम्पन्न
बेटियों को संस्कार दें, उन्हें अच्छे विचार दें: श्री राम राय
नई दिल्ली,13 अक्टूबर, नई दिल्ली की लोकप्रिय साहित्यिक संस्था "फलक फाऊंडेशन "द्वारा गत 13 अक्टूबर को दुर्गापुजा के पूर्व नारी शक्ति पर केंद्रित "प्राचीन काल में नारी शक्ति:वर्तमान समय में नारी की दुर्दशा"विषय पर ऑनलाइन विचार गोष्ठी आयोजित की गई,जिसका उद्धाटन सुप्रसिद्ध गजल गायिका सुश्री मृणालिणी अखौरी ने किया। फलक फाऊंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्षा डॉक्टर नेहा इलाहबादी ने मंच पर आये आगत अतिथियों,कवियों व कवियित्रीयों का हार्दिक स्वागत किया।
युवा कवि नागेन्द्र दूबे केशरी के कुशल संचालन में शुरु हुये विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप बोलते हुये वरिष्ठ कवि श्री राम राय ने कहा कि अपने अपने घर की बेटियों को उचित शिक्षा,संस्कार,सद्विचार दें,नारियों को सदा घर,परिवार,समाज में उचित आदर मान सम्मान दे तभी आदर्श घर,परिवार,समाज का निर्माण होगा।
मुख्य वक्ता औरंगाबाद (बिहार) से पधारे डॉक्टर सुरेन्द्र कुमार मिश्र ने कहा कि प्राचीन काल से हीं नारियों को उचित मान सम्मान मिलते आया है परंतु वर्तमान भौतिकवादी युग में नारियों को वह उचित स्थान नहीं मिल पा रहा है।
विशिष्ठ अतिथि के रूप में पटना से पधारे वरीय साहित्यकार अरविंद अकेला ने कहा कि प्राचीन काल में नारी को बहुत हीं आदर सम्मान मिलता था जिस कारण इन्हें लक्ष्मी,दुर्गा,काली,अन्नपूर्णा का नाम व सम्मान दिया गया। आज के भौतिकवादी युग की नारी को एक बस्तु,चीज एवं भोग विलास की सामग्री के रुप में देखा जाता है।
विचार गोष्ठी में में विशिष्ठ वक्ता के रूप में प्रोफेसर संजीव रंजन( औरंगाबाद ),युवा कवि धनंजय जयपुरी (औरंगाबाद)सुरेश कुमार जांगीड़ ( झुझनू,राजस्थान),सुरेन्द्र हरडे (नाग्पुर), परमानंद निषाद,सुनीता गुप्ता(कानपुर),अलका पाण्डेय(मुम्बई),मीना जैन दुष्यंत (भोपाल),पदमा तिवारी (दामोह),सुनीता हेड़ा(जोधपुर),तारा प्रीत (जोधपुर),मधु भुतड़ा (जयपुर) एवं मधु वैष्णव मान्या (जोधपुर) सहित दो दर्जन लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्री शिरिष त्रिपाठी द्वारा किया गया।
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अरविन्द अकेला