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कुछ मंदिर में विनती करते मस्जिद में कुछ जाते हैं ।सबकी मन्नत पूरी करने ईश्वर एक ही आते हैं_premi

कुछ लोग

आते हैं जो लोग यहां
अपना करतब दिखलाते हैं ।
दर्द दिलों में दे जाते
कुछ हृदय को पिघलाते हैं ।।

नाम बेचकर जाते हैं 
कुछ नाम कमाकर जाते है ।
कुछ पहचान मिटाते तो
कुछ साख बनाकर जाते है ।।

बूरे वक्त से पक जाते 
कुछ हमें पकाकर जाते हैं ।
प्राण गंवाकर कुछ जाते 
पर  हमें बचाकर जाते हैं ।।

रंगमंच है यह दुनिया
जिसपर सब रौल निभाते हैं ।
लगा मुखौटा चेहरे पर
कुछ  लोगों को भरमाते हैं ।।

खुद के मेहनत से कुछ तो
अपना तकदीर बनाते है ।
पुर्वज के अर्जित धन दौलत
को कुछ आग लगाते है ।।

कुछ अपना परिवार चलाते
घर को स्वर्ग बनाते हैं ।
कुछ तो घर के मान प्रतिष्ठा
को भी  दाव लगाते हैं ।।

कुछ लोगों की चिता जलाते
पर कुछ को दफनाते हैं ।
लेकिन मरने पर हर  प्राणी
गति  एक  ही  पाते  हैं ।।

जाति धर्मों में  बंट कर
आपस में खून बहाते हैं ।
भूल जाते जो सबके अन्दर
लाल  रक्त ही पाते  हैं ।।

कुछ मंदिर में विनती करते
मस्जिद में कुछ जाते हैं ।
सबकी मन्नत पूरी करने
ईश्वर एक ही   आते  हैं ।।

कुछ नफरत की चिंगारी से
 देश को भी दहलाते हैं ।
प्रेम से सबको गले लगाकर
कुछ इतिहास रचाते हैं ।।

कवि---- प्रेमशंकर प्रेमी ( रियासत पवई )

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