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नाज़ुक कलाई,कनक कंगना,बोले खन -खन,सजना सजना_sushma

कंगना
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नाज़ुक  कलाई,
कनक  कंगना,
बोले  खन -खन,
सजना  सजना  ।

तेरे  मेरे  बन्धन का,
अपने  मिलन  का,
मीठी  अगन    का,
साक्षी   है   कंगना।

लाल   चुनरिया,
आयी  तेरे  अंगना,
बिंदियां   बिछुआ,
पहन  के  सजना ।

तेरे  प्रीत  के गौहर,
से   है    पिरोया,
खनके  जब  कंगना,
पिया  सुध   खोया ।

फिरी  फिरी  आए,
हमरी   कोठरिया,
मैं  ना  बोलूं  पिया,
बुलाए  है  कंगना ।

गोरी  कलाई,
पिया  को  भायी,
खनके  कंगना,
मंत्रमुग्ध  सजना  ।
                   सुषमा सिंह
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(स्वरचित )

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1 Comments
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ARVIND AKELA said…
वाह,बहुत अच्छे।