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चला पटाखें,हंसती आंखें,भरकर मस्ती चाल में।। हो सबकी आश निराली। दीपावली_amrendr

दीपावली
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दीपावली।
जब घनघोर अन्धकार -
परिव्याप्त हो,
अपने चतुर्दिक अपार -
काली बेहद काली।।
            दीपावली।।
सजाकर दीपक थाल में,
लगाकर तिलक भाल में।
चला पटाखें,हंसती आंखें,
भरकर मस्ती चाल में।।
    हो सबकी आश निराली।।
                       दीपावली।।
  --: अमरेंद्र कुमार मिश्र
    पथार,गड़हनी,(भोजपुर)

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