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कविता , हम आज हैं आगाज़ हैं ,हम वक्त के सरताज है, कल किसने देखा यहां ,हम बादशाह बेताज हैं_Gopal mishra

कविता
हम आज हैं आगाज़ हैं
 हम वक्त के सरताज है, 
 कल किसने देखा यहां
 हम बादशाह बेताज हैं|

 समय जो है आनेवाला
 वह कल नहीं होगा, 
 वह पल जिसमें जी रहेंगे
 हर पल हमारा आज है|

 उस कल की क्या बात है
 जो लौट नहीं सकता है, 
 डटकर जी लेते हैं पल
 ऐसा कुछ अपना अंदाज है|

 लीक पर चलना नहीं अब, 
 राहे बनाना अंदाज है, 
 गुरुर नहीं अभिमान है
 अपने आज पर ही नाज है|

 जो बीत गए पल जिंदगी के
 कांटे अधिक थे फुल कम, 
 मिले सुख या दुख मिले
 नहीं किसी के मोहताज हैं|

 हम आज हैं आगाज हैं
 हम वक्त के सरताज हैं
 कल किसने देखा यहां
 हम बादशा बेताज हैं|
----गोपाल मिश्र, सिवान

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