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आज फागुन फिर खड़ा है, याद तेरी साथ लेकर lकहाँ प्रिये तुम खो गई हो, अश्कों के कंगूरे देकर_Ramkuber


फागुनी गीत 

आज फागुन फिर खड़ा है, याद तेरी साथ लेकर l
कहाँ प्रिये तुम खो गई हो, अश्कों के कंगूरे देकर ll

लहलहाती सरसों लेती, प्रेम की अंगड़ाईयां जब,
अलसी शीश कलशी देख, डोल जाता है हृदय तब,
क्यों न क्रन्दन मन करें, हो गया है घर  से  बेघर l
कहाँ प्रिये तुम खो गई हो, अश्कों के कंगूरे देकर ll

आज फागुन फिर खड़ा है, याद तेरी साथ लेकर l
कहाँ प्रिये तुम खो गई हो, अश्कों के कंगूरे देकर ll

कोकिला की  कुहकुहाट, सुनके तेरी याद आए, 
झुरमुटों पर पंछी भी अब, सारथी तेरे गीत गाएं, 
नाचती है डालियों सँग, याद तेरी साथ हँसकर l
कहाँ प्रिये तुम खो गई हो, अश्कों के कंगूरे देकर ll

आज फागुन फिर खड़ा है, याद तेरी साथ लेकर l
कहाँ प्रिये तुम खो गई हो, अश्कों के कंगूरे देकर ll

रामकुबेर कश्यप 'सारथी'  खप्टिहा कलां बांदा
दिनाँक - 16/02/2021

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