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तुम याद आते रहे, मन भीगता रहा, हर क्षण हर लम्हा तुझे सोचता रहा_Sushma Singh

मन भीगता रहा
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  तुम  याद  आते  रहे, मन भीगता  रहा,
  हर  क्षण हर  लम्हा तुझे  सोचता  रहा।
  
  मेरा  नरम दिल  तुम  हो  बेरहम  दिल,
 बेखुदी का आलम याद तुझको करता रहा

  दिल  से  तेरे लिए  दुआएं  निकली सदा,
  इश्क  के  मकतबे में तुझको पढ़ता रहा।

  कहां  सुध  है  मुझे   सुबहो शाम  की,              
  हर सुबहो  शाम तेरा नाम लिखता रहा।

  इश्क एक आरजू में और कोई चाह नहीं,
  इश्क में तेरे अहद ए वफ़ा निभाता रहा।

                  सुषमा सिंह
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   ( सर्वाधिकार सुरक्षित एवं मौलिक)

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1 Comments
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ARVIND AKELA said…
वाह,बेजोड़।
👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽