*************
तुझको याद कर
**************
शायद तुम्हें इल्म ना हो इस बात का,
जार जार रोया दिल तुझको याद कर।
जख्म बड़े गहरे थे तेरी बेवफ़ाई के,
फिरभी काट लूंगी जिन्दगी तुझको याद कर।
धुंधली नहीं होती कभी तेरी यादें सनम,
धुंधली हो चली नजरें तुझको याद कर।
कितने कसमें खाए थे हम साथ साथ,
उदास हो जाती हैं रातें तुझको याद कर।
कहां चूक रह गयी मुहब्बत में मेरे,
मुंह ना फेरों मर जाऊंगी तुझको याद कर
सुषमा सिंह
---------------------
(स्वरचित एवं मौलिक)