कविता
यह वक्त नहीं खुशी जताने का
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आया हम सबका हिन्दु नववर्ष,
अन्तर्मन से सब खुशी मनायें,
मिले जीवन में सबको खुशियाँ,
मिलकर गर कोरोना को दूर भगायें
आओ करें कुछ ऐसा नव वर्ष में,
कोरोना विश्व से भाग जाये,
भागे तो फिर नहीं दुबारा,
यह कभी वापस नहीं आये।
करें सोशल डिस्टेन्ससिग का पालन,
अपने मुँह पर सदा मास्क लगायें,
लें सभी कोविडशील्ड की वैक्सीन,
खुद को कोरोना मुक्त बनायें।
कभी नहीं हारें हिम्मत अपनी,
और सभी को हिम्मत बढ़ायें
जब भी निकलें घर से बाहर,
अपने साथ सेनेटाईजर ले जायें।
यह वक्त नहीं खुशी जताने का,
यह वक्त नहीं त्योहार मनाने का,
कट जायेगा कोरोना काल भी एक दिन,
तब एक दूजे को गले लगायें।
सबका जीवन दाँव पर लगा है,
कोरोना अपने ताव में लगा है,
आओ मिलकर सब करें मुकाबला,
अपने भारत को कोरोना मुक्त बनायें।
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अरविन्द अकेला