कविता
कुछ पल बच्चा बन जायें
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आओ कुछ पल बच्चा बन जायें,
कुछ देर अपनी बचपना दिखलायें,
कुछ देर करें मस्ती बच्चे संग,
जो प्राणों से भी प्यारे हैं।
ये नन्हें मुन्ने बच्चे कितने अच्छे हैं
थोड़े से नटखट,दिल के सच्चे हैं
कुछ पल इनके संग बीता लें,
जो मनमोहक ,न्यारें हैं।
ये बच्चे बड़े प्यारे हैं।
अपने माता पिता के दुलारें हैं,
दिखने में बड़े सुंदर लगते,
जैसे ये चाँद तारें हैं।
आओ इनसे कुछ बातें कर लें,
कुछ पल इनसे खेल लें,हँस लें,
ये देश के उज्ज्वल भविष्य हैं,
ये हीं सुर्य,सितारें हैं।
आओ इनके संग थोड़ा मुस्कुरा लें,
जी भर कर इन्हें गले लगा लें,
थोड़ा सा समय दें इन बच्चों को,
जो पल पास हमारे हैं।
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अरविन्द अकेला