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कारे कारे बदरा ...बरस बरस बाबूल अंगना जाना झम झमाझम बरस कर मेरी पीड़ा कहना_alka

काले काले बदरा 

कारे कारे बदरा ...
बरस बरस बाबूल अंगना जाना 
झम झमाझम बरस कर मेरी पीड़ा कहना !!

पवन हौले होले इठलाना बलखाना 
मेरे उर की अगन को मत हवा तुम देना !!
झमझमाझम बूँदें थिरक रही 
उमड घुमड़ कारी बदरी छा रही 
चपल चपला चमक चमक न डरईयों ! 
कड़कड़ाती बिजली गिर कर जान मत लेलईयों !!
सावन में अमराइयाँ , पड़ा हिंडोला 
ओ मोरी मैया संखिया बुलाये लेव , कजरी गावाए लेव 
हिडौला पे कान्हा झुलाए लेव!!
राधे रानी कर सोलह श्रृगार आई अमराई 
कान्हा संग झूले हिंडोला , बढ़ा रही पैग !!

बदरा रे कारे कारे - नीले नीले बदरा बरस बरस बाबूल अंगना जाना 
झम झमाझम बरस कर मेरी पीड़ा कहना !!

डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई

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