।।हंसी खुशी के फल फूल जमाने ने जैसे तोड़ लिया है।।
-----डॉ बीना सिंह
यह क्या किस शख्स से रिश्ता हमने जोड़ लिया है
यूं लगता है दीवारों से सर अपना हमने फोड़ लिया है
सूखे दरख्त जैसे वह तन्हा बेरू खा खामोश रहता है
हंसी खुशी के फल फूल जमाने ने जैसे तोड़ दिया है
ना सवाल नाजवाब ना तकरार ना इजहार करताहमसे
जाओ नहीं बात करती तुमसे अब हमने होड़ लिया है
क्या नाम दे क्या पहचान क्या मान दे इस रिश्ते का
सुनो मगर तुम्हारी गली के जानिब कदम हम ने मोड़ लिया है
यह क्या किस शख्स से हमने रिश्ता जोड़ लिया है
यूं लगता दीवारों से सर अपना हमने फोड़ लिया है।
डा बीना सिह छत्तीसगढ़