गजल
------------------
हुश्न ए शोला में शबनम भी खाक हुआ,
दरिया ए मुहब्बत में दिल जलकर राख हुआ।
आंखों से चला तीर दिल के आर-पार हुआ
पलकें झुकाए वो मुस्कुराए हम पर वज्रपात हुआ।
शोख अदाओं ने कातिल सा प्रहार किया,
बिगड़ा ना कुछ उनका मेरा बुरा हाल हुआ।
सौन्दर्य सिंधु वह अथाह वय सोलह पार किया,
निद्रालस की अंगड़ाई दिल पर शत शर वार हुआ।
अपलक निहारते नयन मानो झपकना भूल गए,
तांबई लरजती काया,नख शिख दीदार हुआ।
सुषमा सिंह
------------------------
( सर्वाधिकार सुरक्षित एवं मौलिक)