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वह चले गए जिनको अभी जाना न था जिनके जाने का खालीपन कभी भर पाना न था._mishra ji


वह चले गए जिनको
 अभी जाना न था
 जिनके जाने का खालीपन
 कभी भर पाना न था. 

 आने को आए बहुत जिनको 
 हमने पहचाना न था
 आ गए वह भी जिनको
 पता बताना न था.

 जिंदगी यूं ही अनजान 
 राहों पर चल पड़ती है
 चाह कर भी जिन पर
 चल पाना न था.

 यह मंजर भी आए जिनको
 कभी चाहा न था
 वे लोग भी सताए जिन्हें
 हमें सताना न था.

 कश्तियां डूबती ही गई
 किनारे आते भी रहे
 वे तूफान भी आए जिनको
 कभी आना न था.

 वे सरगम थे प्यारे जिनके 
 स्वर अनजाना न था
 पर गीत वही गूंजे जिनके
 कभी स्वर सुना न था.
----गोपाल मिश्र, सिवान,बिहार

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3 Comments
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मन की कल्पना
ARVIND AKELA said…
वाह,बहुत अच्छे।
Unknown said…
Atyant sunder kavita