वह चले गए जिनको
अभी जाना न था
जिनके जाने का खालीपन
कभी भर पाना न था.
आने को आए बहुत जिनको
हमने पहचाना न था
आ गए वह भी जिनको
पता बताना न था.
जिंदगी यूं ही अनजान
राहों पर चल पड़ती है
चाह कर भी जिन पर
चल पाना न था.
यह मंजर भी आए जिनको
कभी चाहा न था
वे लोग भी सताए जिन्हें
हमें सताना न था.
कश्तियां डूबती ही गई
किनारे आते भी रहे
वे तूफान भी आए जिनको
कभी आना न था.
वे सरगम थे प्यारे जिनके
स्वर अनजाना न था
पर गीत वही गूंजे जिनके
कभी स्वर सुना न था.
----गोपाल मिश्र, सिवान,बिहार