महाराजा महाराणा प्रताप महान
मातृ भूमि की रक्षा के हित आजीवन संग्राम किया ।
भारत भाल चमकता हीरा देश प्रेम दृढ़ नाम किया ।।
राणा का भाला भव्य और चेतक फुर्तीला घोड़ा था ।
केवल मात्र इशारा पा उस तरफ ही मुख मोड़ा था ।।
वैभव विलास त्याग दिया वह जंगल जंगल घूमा था ।
गाजर मूली सा शत्रु काट खड्ग विशाल को चूमा था ।।
गौरव है देश भक्ति का वह वीर राणा प्रताप महान था ।
आदिवासी वनचर वीरों की मेवाड़ रत्न पहिचान था ।।
करता देश स्मरण उसको नमन व वंदन सुमन हारों से ।
ओ चेतक असवार आपको प्रेम पर्वत प्रकृति पहारों से ।।
राजेश तिवारी 'मक्खन'
झांसी उ प्र