जाने किसकी राह तके हैं
---------------------------------------
जाने किसकी राह तके हैं।
ये दीप रात रात भर जले हैं,
रजनी कारी निशी अंधियारी,
सबने बंद कर ली किवाडी,
दरवाजे पर ये जमें है।
जाने किसकी---------------
देख आंधियां सब घर भागे,
दरवाजे के भीतर से झांके,
बादलों का गर्जन भय व्यापे,
फिर भी ये अडे हुए हैं।
जाने किसकी -----------------
बुझाने को एक फूंक है काफी,
बारिश की इक बूंद है काफी,
गहन तिमिर से लड़ रहे अकेले,
तूफ़ानों से ना तनिक डरे हैं।
जाने किसकी-----------------
मंदिरों में सब श्रद्धा से जलाते,
मनवांछित इच्छा का वर पाते,
तुलसी चौरे पर झिलमिलाते,
शुभता का आवाहन करते।
हौसले के बूते खड़े हैं।
जाने किसकी ----------------------
नन्हा स्वरुप निशि के धूप,
पिलाभ श्वेताभ निखरा रुप,
मद्धम मद्धम लौ ज्योति अरूप,
पतंगो संग बंधे प्रेम डोर हैं।
जाने किसकी-----------------।
सुषमा सिंह
-------------------
( स्वरचित एवं मौलिक)