तेरे नाम का मोती
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सांसों के धागे में,
तेरे नाम का मोती पिरो,
होठों पर आरुढ तुम,
भूल गयी खुद को।
छलकी आंखें यादें तेरी,
है उल्फत अबूझ पहेली,
जीना मरना तेरे नाम,
प्रेममय हुआ दिल नादां।
मैं धरा पिया तुम बादल,
बूंद बूंद समेटू आंचल,
मैं चातक तुम चांद चकोरे,
आन बसो अंखियन मोरे।
बिन तेरे क्या वजूद मेरा,
तेरे बिन जीवन अंधेरा,
सांसे अब बन गयी आहें,
हरेक आह तुझको पुकारे।
मलिन मुख घायल पायल,
धुमिल हुए नैनो के काजल,
गोरी देह श्यामल लागे,
आजा पिया अंग लगा ले।
सुषमा सिंह
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( सर्वाधिकार सुरक्षित एवं मौलिक)