Type Here to Get Search Results !

गोस्वामी तुलसीदास काव्य महोत्सव




 गोस्वामी तुलसीदास काव्य महोत्सव


                     गरीब 

               ***********

देश के वासी जो बहुत गरीब हैं,

थाली में रोटी नहीं कोसते नसीब हूं

 अपने आंसू पीकर भूख, प्यास मिटाते हैं

 पेट बांधकर सोने को, मजबूर हो जाते हैं ,

फटे चिथड़े में बदन, ढकने को लाचार हूं,

भूखे पेट पर मैं जला हुआ अंगार हूं।


 अमीरों के आगे तो, हमारा कद बौना है,

 आसमां की छत है ,और धरा बिछौना है,

 पतझर ही पतझर जीवन में,ना कोई बहार है,

  वर्तमान का पता नहीं, भविष्य अंधकार है,

 जीवन जीना चाहता हूं लेकिन मैं लाचार हूं।

 भूखे पेट पर मैं,  जला हुआ अंगार  हूं।


 दुनिया की रीत निराली ,अपने-अपने किस्से हैं किसी के हिस्से  सुख तो, दुख किसी के हिस्से हैं,  गरीबों का खून चूस चूसकर,अपना घर ही भरते नागों जैसे बन फैलाए ,निर्धन को  ही डसते हैं, 

 खटकता हूं आंखों में लेकिन, वोट का सवाल हूं, 

भूखे पेट पर मैं  जला हुआ अंगार हूं।


श्रीमती शोभा रानी तिवारी

619अक्षत अपार्टमेंट खातीवाला टैंक इन्दौर

मध्यप्रदेश मोबाइल 8989409210

Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.