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वंदे मातरम


 *वंदे मातरम्*

फल फूलों से हरी धरा की शान वंदे मातरम्।

परिश्रमी हैं अन्नदाता  किसान वंदे मातरम् ।

विभिन्न जाति धर्म की पहचान वंदे मातरम् ।

पहला लोकतंत्र देश का महान वंदे मातरम्।

विद्या बुद्धि योग  का हिन्दुस्तान वंदे मातरम् ।

प्राचीन सभ्यता संस्कृति का स्थान वंदे मातरम्।

हिन्दू ,सिख, ईसाईऔर मुसलमान वंदे मातरम।

रक्षा करते तज दिया अपना प्राण वंदे मातरम्।

अर्पण कर दिया सुहाग का मान वंदे मातरम्।

बच्चों ने जो तज दिया अरमान वंदे मातरम्।

देश -विदेश  में यश कीर्ति का ध्यान वंदे मातरम।

एकता भाईचारे का दे रहा पैगाम वंदे मातरम् ।

सर्वेभवन्तु सुखिनः का आदर्श वंदे मातरम्।

जन जन का कल्याण और उत्थान वंदे मातरम्।

हो स्वच्छ जल वायु का निर्माण वंदे मातरम्।

आतंकवाद का मिटे नामोनिशान वंदे मातरम्।

है विश्व में हिन्दुस्तान की पहचान वंदे मातरम्।

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यह मेरी मौलिक एवं स्वरचित 

कविता है।

विजय कुमार,कंकेर,औरंगाबाद।

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