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गोस्वामी तुलसीदास काव्य महोत्सव ।आओ चलें हम गाँव की ओर_dr ambe



गोस्वामी तुलसीदास काव्य महोत्सव

 आओ चलें हम गाँव की ओर

आओ चलें हम गाँव की ओर
जहाँ दिलों में रहता अंजोर
शहर की कालिमा जहाँ नहीं ब्यापे
सुख की तरंगें लेती जहाँ हिलोर,
कम साधन में जीवन जीते
संतोष से वे सुखी हैं रहते,
परिवार का महत्त्व हैं समझते,
दालान पर रामायण होती है पुरजोर
आओ चलें हम गाँव की ओर,
कहीं होरी और कहीँ माधव
हल लेकर सुख से अपार,
और धनिया की दावेदारी
बताती नारी है सुखकारी,
खेतों से चलती पुरवा हवा
करती सुख की सीमा पार,
धान की हरी-हरी बालियाँ
धरती का करतीं श्रृंगार
आओ चलें हम गाँव की ओर,
मिलजुल बच्चे शोर मचाते
सारे गाँव में रौनक लाते,
निरहुआ काका से छुप-छुपकर
आम के बौरों को तोड़ लाते
और पकड़े जांने पर
उनकी हल्की-सी चपत हैं खाते,
पिता के पिटाई के डर से
माँ के आँचल में छुप जाते,
आओ चलें हम गाँव की ओर,
जहाँ पर्यावरण स्वच्छ है रहता
मन उन्मुक्त हवा में साँसें लेता,
कभी पड़ोसी के घर जाकर भी
खाना-पीना हमारा होता,
नहीं कहीँ पर कोई रोक-टोक
सारा गाँव परिवार होता,
चाचा-ताऊ के साथ जहाँ
बबुआ खेत-खलिहान घुमता,
जहाँ गैया रंभा कर मचाती शोर,
आओ चलें हम गाँव की ओर,
गाँव इस धरती पर होता
स्वर्ग की एक छोटी-सी निशानी,
ये भारत-माँ के आँचल हैं
अकथनीय है जिसकी कहानी,
गाँवों में निर्ब्याज सौंदर्य है,
जो आत्मा को मोह लेता है,
इसकी मिट्टी में लोटकर
मन स्वर्ग का आनंद पा लेता है,
आओ चलें हम गाँव की ओर,
भारत का हर गाँव 
वृन्दावन की सैर कराता,
जहाँ हर बालक में
कन्हैया खेलता और मुस्काता,
भारत के हर गाँव में
बरसाना भी रमता है
राधा रुप में बालिका जहाँ
नारी-शक्ति बन मुस्काती है,
जहाँ नंद बाबा होते और
होती यशोदा मैया है,
आओ चलें हम गाँव की ओर

डा अम्बे कुमारी
सहायक प्राचार्या
हिन्दी विभाग
मगध विश्वविद्यालय
बोधगया
स्वरचित एवं अप्रकाशित
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22 Comments
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Unknown said…
गाँव पर बहुत सुंदर कविता
Unknown said…
Prachin Bharat aur gaon ki yad dilati bahut hi sundar kavita..
Unknown said…
इस कविता गाँव की याद दिलातती है
Unknown said…
अत्यंत महत्वपूर्ण एवं सुंदर कविता
इस कविता के माध्यम से ग्रामीण परिवेश एवं उसकी महत्ता को दर्शाया गया है Maushami Assistant Professor M.U BodhGaya
Unknown said…
Gav ka bimbbidhan acha hay .... Bdhai aap ko
Unknown said…
बहुत सुन्दर गावँ का चित्रण है।
Unknown said…
बहुत ही सुन्दर कविता है।
Unknown said…
बहुत ही अच्छी कविता है। गांव की यथार्थ को सजीवता से वर्णित कर रही है यह कविता । आपको बहुत-बहुत बधाई।
Unknown said…
बहुत ही सुंदर कविता ...गांव का सुंदर और जीवंत चित्रण आपने किया है, कोटिशः शुभकामनाएं और बधाई...।
Unknown said…
ग्रामीण परिवेश का बहुत सुंदर चित्रण। डॉ विनय कुमार, हि
न्दी विभागाध्यक्ष, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया
Unknown said…
ग्रामीण परिवेश पर आधारित बहुत ही सुंदर कविता ।
Unknown said…
बहुत सुंदर कविता है गाँवों पर
Unknown said…
अति सुन्दर रचना ।
Unknown said…
बहुत ही सुंदर रचना हमारे गांव और समाज के महत्त्व को समझाए हैं।
Unknown said…
गाँव का नाम आतें ही बचपन लौट आती ,,,,,,,,,,,,बहुत ही अच्छी रचना है अंबे मैम की
Unknown said…
Supper ,👌👌👌👌👌👌👌👌👌🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳❤️❤️❤️❤️♥️♥️♥️💯💯💯💯🔥🔥🔥🔥🔥💥💥💥💥💥💥💥👌👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Unknown said…
गांव की अल्हड़ मुस्कान आपके शब्दों के मिश्रण से जीवंत हो उठे हैं 🌻
Unknown said…
बहुत ही सुन्दर कविता है
बहुत ही मार्मिक रचना
Unknown said…
ग्रामीण संस्कृति की झलक
ग्राम जीवन का जीवंत चित्रण … बहुत बढ़िया कविता के लिए बधाई!