गोस्वामी तुलसीदास काव्य महोत्सव
*मेरा गाँव*
भारत माता की पावन भूमि,
जहाँ बसा मेरा प्यारा गाँव है।
जहाँ बड़ और पीपल की,
आम,नीम और इमली की छाँव है।
चंदन जैसा पवित्र है माटी,
आयोध्या जैसे मेरे ग्राम है।
हर नारी देवी की प्रतिमा हो,
जहाँ की हर बच्चा राम है।
आओ सब मिलकर आओ,
खुशियां मनाओ और गाओ l
दो दिन के जीवन में खुश हो जाओ,
बच्चों के संग बचपन दोहराओ।
कोई गोकुल सा गाँव लगे,
कोई बरसाना हो जाय l
कोई राधा और कृष्ण बने,
कोई यशोदा हो जाय l
परिवार से सबको प्यार रहे,
गाँव का रंग हजार रहे l
हमारी लोक कला एवं संस्कृति से,
सुन्दर जीवन का तार रहे l
भाई चारे की मजबूत डोरी से,
बंधा हुआ हर परिवार मिले l
दुखों से झुलसे मानव को,
खुशियो की ठण्डी छाँव मिले l
सभी को खुशियां मिले अपार,
मिलकर हँसे गाये सब परिवार ll
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स्वरचित एवँ मौलिक
*खेमराज साहू "राजन" दुर्ग, छत्तीसगढ़*