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गोस्वामी तुलसीदास काव्य महोत्सव प्रतियोगिता_saahityakunj

 गोस्वामी तुलसीदास काव्य महोत्सव
 प्रतियोगिता 
विधा-  काव्य
विषय :- गाँव

जो रहता गाँव में पूछो उससे एक बात,
गाँव व शहर के बारे में जानो उसके विचार।

जानो उसके विचार, एक बात सभी को बताती हूँ,
शहर में नहीं अपनापन, बात याद दिलाती हूँ।

शहरी दुनिया स्वार्थ से भरी, कोई किसी का नहीं वहाँ ,
अवसर मिलते ही देखो मित्रों, धक्का देते सभी वहाँ ।

गाँव में आज भी अपनापन मिल जायेगा,
आवश्यकता पड़ने पर सहारा भी मिल जायेगा।

गाँवों में सम्मान मिलेगा, सभी वृद्ध और वृद्वाओं को,
काकी, मामी, चाची ,मौसी कहेगें प्रत्येक नारी को।

शहरों की करें बात तो अपमान ही अपमान है,
पैसों के लिए किसी का भी खून करना वहाँ आम है।

हरियाली के नाम पर शहरों को नंबर दूगीं शून्य,
गाँवों में मिलेगें आज भी लहलहाते वृक्ष और सुंदर पौधे।

वह गाँवो ही है मित्रों जहाँ पीपल पूजा जाता है,
तुलसी को माता कहकर आँगन में सजाया जाता है।

गाँव बहुत प्यारा , स्वास्थ्य की दृष्टि से भी,
पेड़ों से मिलती भरपूर ऑक्सीजन देती बीमारी से मुक्ति।

गाँवों की उन्नति के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए,
शिक्षित युवाओं को गाँवो की प्रगति के लिए कदम बढ़ाना चाहिए।

आजकल के युवाओं को अपने ज्ञान और विश्वास से,
गावों की भूमि में अन्न रूपी स्वर्ण को उगाना चाहिए।

किसानों के परिश्रम का करते हुए सम्मान,
शिक्षा का कुछ हिस्सा भूमि और कृषि में लगाना चाहिए।।


शाहाना परवीन...✍️
पटियाला पंजाब
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