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वीणा जी का गांव तुलसी काव्य प्रतियोगिता में_sahitykunj

*साहित्य कुंज प्रतियोगिता*

*विधा:- काव्य*
*विषय* - *गांव*


*इक छोटे से गांव में* 
*माँ की ममता की छाँव में* 
*इक छोटा-सा घर था* 
*जहाँ गुजरा मेरा बचपन था*
 *घर में इक गैया थी* 
*वो सुबह शाम रंभाती*
*इक भूरी-सी बकरी थी*
*जो दो छौनों की अम्मी थी*
*इक था भूरा और सफेद* 
*दूजा काला और सफेद* 
*वो मस्त चौकडी भरते थे*
*हम उनको देख हंसते थे*
*गैया भी मेरी भूरी थी*
*उसका एक सलोना बछड़ा था*
*अमा:अमा: करता वो* 
*गैया के पीछे रहता था*
 *सुबह के धारे दूध पियें हम*
*शाम के धारे बकरी के*
*अबदुल-गबदुल दिखते थे*
*सबसे लाड़ भी पाते थे* ।


M.Veena 
(वीणा मुजुमदार)
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