ख्वाबों की दुनिया
सपने सुरीले देखे हमने, बचपन की पगडंडी पे।
ख्वाबों की दुनिया में, सैर करते मिले भिवंडी में।
राजनीति की पटरी पर हम, देश चलाते हुए मिले।
जनता की आवाज सुने, दिग्गजों में हम बने भले।
नाना नेता हमसे आकर, सलाह मशवरा ले रहे।
टीवी चैनलों पर चमके, खुलकर भाषण दे रहे।
सारे सरकारी अधिकारी, गौर करें उद्बोधन पर।
कैसे पासा पलटे देश का, विचार चला शोधन पर।
कितने आदेश कर दिए, बजट पास किया हमने।
भुखमरी बेरोजगारी का,आभास किया हमने।
हमने मन की बातों में, जनता को समझाया खूब।
अचानक आंख खुली हमारी, ख्वाबों में गए डूब
रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान