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पढ़ सको तो कुछ पढ़ लो-arwind-akela


यह जीवन एक खुली किताब,
पढ़ सको तो कुछ पढ़ लो,
पढ़कर कुछ अनमोल किताबें,
अपना यह जीवन गढ़ लो।
     पढ़ सको तो...।

किताबें बहुत कुछ बोलती हैं,
कई युगों का राज खोलती हैं ,
अध्ययन कर कुछ किताबों को,
सफलता की सीढियाँ चढ़ लो।
     पढ़ सको तो...।

किताबें देती अच्छे संस्कार,
यह देती सबको सद्विचार,
पढ़कर कुछ किताबें तुम,
जीवन में आगे बढ़ लो।
     पढ़ सको तो...।

पढ़ लो गीता,रामायण,पुराण,
इसमें बसते अपने जीवन,प्राण,
बिखरने नहीं देना इसके पन्ने,
अच्छी तरह इसे मढ़ लो।
     पढ़ सको तो...।
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       अरविन्द अकेला
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