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छठ में आस्था प्रेम विश्वास दिखता-arwind-akela

कविता 

छठ सा नहीं देखा कोई पर्व-त्योहार 
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यूँ तो हमने कई पर्व,कई त्योहार देखे,
पर छठ सा नहीं देखा कोई पर्व-त्योहार,
इसमें आस्था, प्रेम,  विश्वास दिखता,
झलकता इसमें असीम भक्ति व प्यार। 

जन-जन का इसमें सहयोग मिलता,
हर जाति-धर्म से जुड़ता घर-परिवार,
करते हैं प्रेम-भक्ति से छठ मैया की पूजा,
रखते हैं सभी जन-जन से सरोकार।

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य सभी देते,
सुबह कर जोड़ विदा सब लेते,
भक्तिभाव से जो छठ पर्व करते,
छठी मैया देती उन्हें खुशियाँ बेशुमार ।

इस पर्व में नदी की महिमा बड़ी निराली,
हर घाट हैं शोभा बढ़ानेवाली,
लगता दृश्य कितना अनुपम,मनोहर,
मिलती इस पर्व से खुशियाँ अपार। 

बड़ा पावन यह छठ पर्व -त्योहार,
इसमें बहती प्रेम-भक्ति की बयार,
सदा ख्याल रखती छठ मैया भक्तों की
रखती वह सबका सुखी संसार। 
@अरविंद अकेला,पटना

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