"अब तो लंबी हो गई जुदाई तेरा आना भी लाजमी है"
********
तनहाई की बेबस रात का आंचल उदास लगता है
खूबसूरत आंखो का ये काजल उदास लगता है
शहरे नामुराद से अब तक भी आया नहीं सनम मेरा
इश्क की प्यास का पैमानाअब तो उदास लगता है।
सबने बहलाया मगर आंखें उसकी राह ताकती है
बिना उसकी आवाज से अबतो ये साज उदास लगता है
कोशिशें तो की थी मैने उसको जिंदगी में भुलाने की
बाकी बची आस थी आस का विश्वास उदास लगता है।
तेरे नाम से जो मैंने अपना ऊंचा सम्मान बनाया था
बेबसी मेरे मान की मान का वो सम्मान उदास लगता है।
जब तक यह पैगाम मिलेगा प्रदेश में मेरे सनम को
तब तक इस सांस का निकलता अंजाम उदास लगता है।
अब तो लंबी हो गई जुदाई तेरा आना भी लाजमी है
अभी भी गर तू नहीं आया तो ये शमशान उदास लगता है।
*चलना ही जिंदगी है*
"हमने कई बाहुबलियों को फना होते देखा है इस जमाने मे"
*******
चला ले नजर के तीर तू जितने बेअसर हो ही जायेंगे।
ताने तू लाख दे देना आखिर हम बेखबर हो ही जायेंगे।
हम दिलों की सदा सुनने वाले हैं शायद तुम्हें मालूम नहीं होगा
मोहब्बत तेरी हमको मिल जाए बस हम बेफिकर हो ही जायेंगे।
जिस अनजाने सफर पर निकले हो तुम मंजिल का पता नहीं
तुम जब जिस ओर निकल पड़ो हम भी आखिर उस और ही आ जायेंगे।
जिसको अपने हुनर पर नाज है यारों इस फ़ानी दुनिया मे
जिनको उम्मीद है जीने की उनके पास हुनर अपनेआप आ ही जायेंगे।
हमने तो कई बाहुबलियों को फना होते देखा है इस जमाने मे
आने दो तूफानों को यह तूफान आकर आखिर गुजर ही जायेंगे।
जिनको दिल दिया हमने यारों दिलदार समझकर अपना
हमें क्या पता था दिलदार भी एक दिन बेजिगर हो ही जायेंगे।
कारवां भी गुजर गया तो कोई बात नहीं मगर चल तो रहे हैं हम
चलना ही जिंदगी है हमको भी आखिर हमसफ़र मिल ही जायेंगे।
सीताराम पवार
उ मा वि धवली
जिला बड़वानी
9630603339