तुम्हें बस यूंही सताना है
********************
कहतें हैं वो हमें बस बेअदब सुनो ये ज़माना है।।२।।
कहते हैं हम उन्हें सुनो तुम , ये दिल तेरा दीवाना है।।२।।
हर मुलाकात में उन्हें, हम बस देखते रहते अकसर
वो न समझे मेरे दिल कि बातें, ये दिल ना बेगाना है।।
गुफ्तगू में हम सिर्फ अपनी बातें ही करना चाहते
क्यों न समझे वो दिल की बातें इसे संग गुनगुनाना है।।
उनके लबों से हम कभी इश्के इज़हार सुनना चाहते
यहां-वहां कि बातों में ही बस उन्हें तो वक्त बिताना है।।
कभी तो पढ़ लो मेरी आंखों में देख तुम कुछ ए दोस्त
इन आंखों में बसते सिर्फ तुम यही तो तुम्हें समझाना है।।
वीणा कि तरह धड़कनें सिर्फ तेरा नाम वीना को सुनाती
क्या जान के भी अंजान बन तुम्हें यूंही बस हमें सताना है।।
वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
**********************