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नारी ही शक्ति है_priya roy


" नारी ही शक्ति है,
नारी ही शक्ति है, 
नारी ही सब पे भारी है,
नारी नहीं होती तो 
इस दुनिया में प्यार नहीं होता, 
नारी नहीं होती तो
 ये संसार नहीं होता !" 
     "नारी ही शक्ति है"
नारी नादान अबला नहीं सुबला हैं,
मां दुर्गा, मां भवानी, मां कमला हैं।
नारी है घर में तो घर -घर है,
नारी नहीं तो घर भी बेघर हैं।
     "नारी ही शक्ति हैं"
नारी फूलों की फुलवारी हैं,
नारी आंगन की किलकारी हैं।
नारी जननी भी हैं,
नारी सजनी भी हैं।
    "नारी ही शक्ति हैं"
बेटी और मां भी हैं नारी,
बहन, नानी, दादी भी हैं नारी।
फिर बेटियों को जन्म देने से नकार रहें हो,
भ्रूण रूप में ही गर्भ मै क्यों मार रहे हो।
    "नारी ही शक्ति हैं"
इनके बिना न पूरे है रिश्ते,
इनके बिना अधूरे हैं रिश्ते।
संपूर्ण संसार इसी में समाहित है,
इनकी यश गाथा ग्रंथों में वर्णित है।
   "नारी ही शक्ति हैं"
--प्रिया राय, दिल्ली

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1 Comments
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Himanshu said…
It's very nice poem and this poem is heart touching
And best of luck keep it up