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कविता दिवस पर भाव और विचारों की सरिता सदा बहती रहे_renu

*कविता दिवस पर*

भाव और विचारों की सरिता सदा बहती रहे,
कलम तेरी तुम्हारे शब्द कागज पर लिखती रहें।

वाणी जो कह ना सके संकोच तुम्हारी जीभ करें,
हर बात तुम्हारे दिल और दिमाग की कलम पूरी करें।

रुकने न देना जज्बात अपने दिल में भरे,
लिख देना अपनी कलम से अपनी कविता से रचे।

कलम तुम्हारी जन-जन की आवाज बने ,
हमारे भारतवर्ष का विश्वास बनें।

प्यार मोहब्बत सिखाने की बात लिखे,
अमीरी गरीबी की गहरी खाई भी भरे।


हिंदू मुस्लिम आपस में भाईचारे की बात कहे,
तुम्हारी लेखनी से अमन शांति का पाठ पढ़े।

कविता मैं तुम्हारी संस्कृत सभ्यता की झलक दिखें,
देश को सोने की चिड़िया बनाने की बात लिखें।


मां सरस्वती की अनुकंपा तुम्हारे  साथ चले,
कविता दिवस पर सभी मंगल कामना करें।

स्वरचित मौलिक रचना,
रेणु अब्बी'रेणू'
21/03/2022

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