कविता
आओ एक नया हिन्दुस्तान बनायें
मिलकर सभी दिल में सपने सजायें ,
आओ एक नया हिन्दुस्तान बनायें,
करें अब देश का भविष्य सुरक्षित,
मिलकर सभी कुछ नया प्लान बनायें।
आओ एक नया...।
भूल जायें सभी अपनी बीती बातें,
नहीं करें याद कभी वो काली रातें,
लें देश के इतिहास से सबक सभी,
बीती गलतियाँ फिर नहीं दुहरायें ।
आओ एक नया...।
माना सत्य,अहिंसा,दया परम धर्म है,
अपना बचाव,अपनी सुरक्षा भी कर्म है,
किसने रोका हमें शक्ति पूजा करने को,
शक्ति पूजा को कभी भूल नहीं जायें ।
आओ एक नया...।
नहीं दें दिल में जगह जयचंद,मान को,
नहीं दे अपने घर में जगह शैतान को,
नहीं बनायें किसी कसाई को अब भाई,
इन सबको अपने घर नहीं बसायें ।
आओ एक नया...।
नहीं दें क्षमादान अब किसी गौरी को,
अपने हाथों अपनी जान नहीं गवायें,
जब भी कोई दुश्मन आँख दिखाये,
सीधे उसे अपने श्मशान पहुंचायें।
आओ एक नया...।
नहीं किसी गद्दार को अब देश में पालें,
नहीं किसी आतंकी को कभी दें निवालें,
नहीं अच्छी लगती जिन्हें प्रेम-भाईचारा,
ब्यर्थ में उन्हें दिल से अब नहीं लगायें।
आओ एक नया...।
बने महाराणा,पृथ्वीराज सा शूरवीर,
बने पटेल,विवेकानंद,अटलसा कर्मवीर,
लाज रखें अपने वतन,भारत माँ का,
देश के लिए जीवन कुर्बान कर जायें,
आओ एक नया...।
दें माता-पिता को सदा आदर-मान,
तिरंगे का तन-मन से करें सम्मान,
नहीं भूलें दिल से कभी अपने बतन को,
दिल से सदैव वंदे मातरम गायें।
आओ एक नया...।
जिन्हें अच्छा नहीं लगता हिन्दुस्तान,
वो हिन्दुस्तान से जल्द बाहर जायें,
अपने देश को हिन्दुस्तान हीं रहने दो,
इसे चीन,पाकिस्तान नहीं बनायें।
आओ एक नया...।
नहीं काँटें जीवन में कोई बृक्ष कभी,
हो सके तो कोई नया पेड़-पौधे लगायें,
नहीं फैलायें धरा-गगन में प्रदुषण कभी,
हो सके तो चहुँओर हरियाली लायें।
आओ एक नया...।
हर जन्म में मैं 'अकेला' रहूँ अपना यह देश,
रहे प्रेम-भाईचारा यहाँ,मिटे नफरत,द्वेष ,
मिलकर रहें लोग यहाँ,सभी नाचे-गायें,
नहीं कोई टेंशन लें,सभी यहाँ मुस्कुरायें।
आओ एक नया...।
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अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27