लधुकथा
मेरा रूतबा
बिहार में आंचलिक स्तर पर एक अखबार निकालने वाले प्रकाशक एवं प्रधान संपादक बलराम बाबू ने राजधानी में रहने वाले कवि एवं स्वतंत्र पत्रकार कमलाकांत को फोन करते हुए कहा कि "कमलाकांत बाबू , आगामी बाइस तारीख को हमारे जिले के नगर भवन में हमारे पत्र श्रीराम टाईम्स का वार्षिकोत्सव है। हम अपने अखबार के वार्षिकोत्सव में भोजपुरी की नामी- गिरामी गायिका एवं बनारस के म्यूजिकल ग्रूप को बुला रहे हैं।उस कार्यक्रम का उद्घाटन हमारे राज्य के एक प्रतिष्ठित मंत्री करेगें। कार्यक्रम में जिले के सांसद एवं बिधायक भी मौजूद रहेंगे।आप उस दिन आकर देखिएगा कि हमारे अखबार का और हमारा क्या स्टैंडर्ड,स्तर एवं रूतबा है। आप लोग किसी छोटे-मोटे साहित्यिक कार्यक्रम कर बड़ा ढिंढोरा पीटते हैं।आप मेरे कार्यक्रम में आकर मेरा स्टैंडर्ड ,स्तर एवं मेरा रूतबा देखिएगा।इतना कहकर बलराम बाबू अपना फोन डिस्कनेक्ट कर दिए "।
कमलाकांत जी के पास में हीं राज्य के चार-पांच लोकप्रिय कवि एवं पत्रकार बैठकर चाय पी रहे थे।सभी ने कमलाकांत जी से पूछा "अभी आप किन सज्जन से बात कर रहे थे"।
कमलाकांत जी ने कहा कि "आंचलिक स्तर पर श्रीराम टाईम्स अखबार निकालने वाले एक पत्र के प्रकाशक एवं प्रधान संपादक बलराम बाबू ने अपने अखबार के वार्षिकोत्सव पर हमें अपने कार्यक्रम का स्टैंडर्ड,स्तर एवं अपना रूतबा दिखाने के लिए नगर भवन में यह कहकर बुलाया है कि हम नामी-गिरामी भोजपुरी गायिका एवं बनारस के आर्केस्ट्रा ग्रूप को बुला रहे हैं " ।
पत्रकार रामराज एवं साहित्यकार रविन्द्र किशोर ने अपने कवि मित्र कमलाकांत को नगर भवन में आयोजित कार्यक्रम में जाने से साफ मना करते हुये कहा कि "पहली हीं नजर में हिन्दी में एक अखबार निकालने वाले प्रकाशक एवं प्रधान संपादक बलराम बाबू द्वारा साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं कराकर भोजपुरी गायिका का गाना एवं नाच का कार्यक्रम कराना और उसपर म्यूजिकल ग्रूप द्वारा आर्केस्ट्रा कराना अपने आप में साहित्यिक पतन को दर्शाता है। उनके सोच में हीं उनका स्टैंडर्ड,स्तर एवं रूतबा झलकता है "।
कमलाकांत बाबु ने अपने साहित्यिक मित्रों की राय से सहमति जताते हुए कहा कि "हमारे पास किसी भोजपुरी गायिका का नाच,गाना एवं म्यूजिकल कार्यक्रम देखने-सुनने का समय नहीं है "।
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